अरुणाचल प्रदेश: नमपोंग में द्वितीय विश्व युद्ध के अवशेषों को पुनर्स्थापित कर पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

World War II in Nampong

अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने चांगलांग जिले के नमपोंग में द्वितीय विश्व युद्ध के अवशेषों (World War II relics in Nampong) को पुनर्स्थापित करने की योजना की घोषणा की है। सोमवार को तीन दिवसीय पांगसाउ पास इंटरनेशनल फेस्टिवल (PPIF) के उद्घाटन समारोह में खांडू ने कहा कि राज्य सरकार नमपोंग को ऐतिहासिक स्थल के रूप में विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, “हम जल्द ही एक विशेषज्ञ की मदद से नमपोंग को नया रूप देंगे ताकि यह द्वितीय विश्व युद्ध की याद दिलाने वाला एक महत्वपूर्ण स्थल बन सके।”

नमपोंग लंबे समय से प्रवास, व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान का केंद्र रहा है। यह इंडो-म्यांमार सीमा पर पांगसाउ पास के पास स्थित है। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान निर्मित प्रसिद्ध स्टिलवेल रोड क्षेत्र की रणनीतिक भूमिका को दर्शाता है, जो दक्षिण पूर्व एशिया और पूर्वोत्तर भारत को जोड़ता है।

संस्कृति और पर्यटन के संगम पर पांगसाउ पास फेस्टिवल

खांडू ने फेस्टिवल की भूमिका की सराहना करते हुए इसे संस्कृति और आर्थिक विकास के एक आदर्श मॉडल के रूप में बताया। उन्होंने कहा, “लोक गीतों, पारंपरिक खेलों और ऐतिहासिक स्थलों की यात्राओं के माध्यम से हम अपनी विरासत का जश्न मनाते हैं और समृद्ध भविष्य की नींव रखते हैं।”

मुख्यमंत्री ने स्थानीय कारीगरों, व्यापारियों और उद्यमियों को मंच प्रदान करने वाले इस फेस्टिवल को आत्मनिर्भरता की ओर एक कदम बताया। उन्होंने तिरप, चांगलांग और लोंगडिंग (TCL) क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने और कनेक्टिविटी एवं बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की सरकार की प्रतिबद्धता को भी दोहराया।

आधुनिक सुविधाओं के साथ पर्यटन को नई ऊंचाई

“जयरामपुर, नमपोंग और पांगसाउ पास को जोड़ने वाला डबल लेन नेशनल हाईवे इसी दिशा में एक कदम है,” खांडू ने कहा। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार के मार्गदर्शन में रेलवे, सड़क और हवाई कनेक्टिविटी में अभूतपूर्व प्रगति हुई है, जिससे इस क्षेत्र में यात्रा और व्यापार सुगम हुआ है।

मुख्यमंत्री ने TCL क्षेत्र की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्वता पर जोर देते हुए पर्यटन उद्योग के उज्ज्वल भविष्य की आशा जताई। उन्होंने कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध के अवशेषों की पुनर्स्थापना और PPIF जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से राज्य अपनी विरासत को संरक्षित करते हुए विश्वभर के पर्यटकों को आकर्षित करेगा।

पेमा खांडू की इस सोच ने राज्य सरकार की सांस्कृतिक संरक्षण और आर्थिक विकास के संतुलन को बनाए रखने की प्रतिबद्धता को स्पष्ट किया है। नमपोंग को भारत के पर्यटन मानचित्र पर एक प्रमुख स्थल बनाने की दिशा में यह कदम मील का पत्थर साबित होगा।

Image credit – The South Asia Travel Journal

Also Readभारत की सबसे तेज़ ट्रेन केवल 2 घंटे में करेगी 508 किमी का सफर!

1. अरुणाचल प्रदेश सरकार नमपोंग में क्या खास कर रही है?

अरुणाचल प्रदेश सरकार नमपोंग में द्वितीय विश्व युद्ध के अवशेषों को पुनर्स्थापित करने की योजना बना रही है। इसके तहत नमपोंग को एक ऐतिहासिक और पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा।

2. पांगसाउ पास इंटरनेशनल फेस्टिवल (PPIF) का महत्व क्या है?

PPIF एक वार्षिक उत्सव है जो अरुणाचल प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करता है। इसमें लोकगीत, पारंपरिक खेल, और ऐतिहासिक स्थलों की यात्राएं शामिल होती हैं, जो स्थानीय संस्कृति और आर्थिक विकास को बढ़ावा देती हैं।

3. नमपोंग का ऐतिहासिक महत्व क्या है?

नमपोंग द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान बने स्टिलवेल रोड के पास स्थित है, जो दक्षिण पूर्व एशिया और पूर्वोत्तर भारत को जोड़ता है। यह व्यापार, प्रवास, और सांस्कृतिक आदान-प्रदान का केंद्र रहा है।

4. पर्यटन के लिए अरुणाचल सरकार क्या कदम उठा रही है?

सरकार कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए हाईवे, रेलवे, और हवाई मार्ग का विकास कर रही है। जयरामपुर, नमपोंग, और पांगसाउ पास को जोड़ने वाले डबल लेन हाईवे का निर्माण भी इसमें शामिल है।

5. द्वितीय विश्व युद्ध के अवशेषों को पुनर्स्थापित करने का उद्देश्य क्या है?

इसका उद्देश्य ऐतिहासिक धरोहर को संरक्षित करना, राज्य के पर्यटन को बढ़ावा देना, और स्थानीय लोगों के लिए आर्थिक अवसर पैदा करना है।


Join our Telegram channel for instant updates – t.me/theindiantravels

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *